सिंदूर का ये नाता गहरा बहुत होता है ,
भर मांग प्रीत रंग से अपना बना लेता है |
चुटकी भर रंग उसका सात जन्म तक न छूटे,
ये रंग जादूगर है लाली चढ़ा देता है |
माथे सजी है बिंदी जैसे कि चाँद सितारे,
रातों को टिमटिमाकर ज्यों जगमगा देता है |
पायल लगे हैं बेड़ी पहनाया जैसे कोई,
आजीवन कैद करके प्यारा सजा देता है |
कंगन के संग चूड़ी लगतीं हैं हँथकड़ी सी,
पर प्रेम तो है छलिया कर खनखना देता है |
हमारी संस्कृति में इन सारे चीज़ों का बहुत ही महत्व है एक सुहागिन के लिए…बहुत सुन्दर😊😊💐💐
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सच में ममता जी…. हृदय से धन्यवाद!
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बहुत सुंदर कविता
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धन्यवाद वंदना जी
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