मैं तो खेलूंगी होली जमके

अब रोके न कोई भी हमके

मैं तो खेलूंगी होली जमके

नयनों से कजरा उधार ले लूंगी

फूलों से रंग दो चार ले लूंगी

रंग दूंगी सजन जी को हल्के

मैं तो खेलूंगी………………

रंग बसंती अंगना बरसे

भीगत तन अरु मन हरसे

प्रीत नयनों से जाने क्यों छलके

मैं तो खेलूंगी………………….

रस गगरी में मै भंग मिलाउंगी

घोल घोल धीरे-धीरे पिलाउंगी

जब मन मेरा भी बहके

मैं तो खेलूंगी……………….

पायलिया भी गुनगुनाने लगी है

गीत बिछुआ भी गाने लगी है

चूड़ी कंगन कलाई में खनके

मैं तो खेलूंगी…………………

रंग रंगीली होली आई

मस्ती अपने संग ले आई

रंग जाऊंगी मैं बन ठन के

मैं तो खेलूंगी………………………

चलो आज जी भर गरियायें

झूम झूम कर नाचे गायें

ऐसे कटुता धो डालें मन के

मैं तो खेलूंगी………………….

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6 विचार “मैं तो खेलूंगी होली जमके&rdquo पर;

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