दया करो माँ अम्बे भवानी
बुद्धि का पट खोल दो माँ
वर अपना अनमोल दो माँ
आत्मबोध करवा दो माँ
कि मैं मुर्खा बन जाऊँ सयानी
दया करो माँ………………….
बार – बार मन भटक रहा है
ध्यान तंद्रा चटक रहा है
एकाग्र चित कर साधना भर
कि मन कर न सके मनमानी
दया करो माँ…………………
श्रद्धा सुमन चढ़ाऊँगी मैं
प्रेम दिया जलाऊँगी मैं
मेरे मन को उज्ज्वल कर
कल्याण करो कल्याणी
दया करो माँ………………….
जीवन पथ पर है अंधियारा
डरने लगा है मन बेचारा
पथ प्रशस्त कर भक्ति भाव मर
रखना हमपर निगरानी
दया करो माँ………………..
बहुत सुन्दर दोहा
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धन्यवाद ममता जी
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बहुत सुंदर भजन
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aankhen bhar aaye. Daya karo maa.
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