सपने सजाके नैन माई बाप दिन रैन
बेटियाँ पढ़ाने भेजे बड़े अरमान से
डरता है मन अब किस रोज कौन कब
रौंद कर बेटियों को मार देगा जान से
देवी देव हुए मौन मेरी यहाँ सुने कौन
बेटियाँ बचेंगी कैसे बोलो शैतान से
देख कर हाल मेरा हो गया बेहाल अब
कैसे माँगे बोलो हम बेटी भगवान से
Bahut hi dard bhari kavita….Bilkul sach kaha.
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आभार
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