मोहे नींद न आये
कहीं चैन न आये
तेरी याद बहुत ही सताये रे
आजा मेरे सांवरिया
रात – रात भर
जाग – जाग कर
तुमको सोचूँ सजना
डोली लेकर कब आओगे
बोलो मेरे अँगना
इन्तज़ार में
तेरे प्यार में
जिया धड़क – धड़क घबराये रे
आजा मेरे……….
चूड़ी खन – खन
बोल रही है
पायलिया मोरी गाये
बाई अँखियाँ फड़क-फड़क कर
शुभ संकेत सुनाये
सुध – बुध खोकर
तेरी होकर
मैं दौड़ी आ गई द्वार रे
आजा मेरे……………….
लाल रंग का लहंगा लाई
और चुनरिया धानी
चाह रहा दिल बन जाऊँ मैं
तेरे दिल की रानी
माँग सिंदूरी
भर दो पूरी
मैं बैठी तैयार रे
आजा मेरे…………….
इस गीत को शादी विवाह में मन डोले, मेरा तन डोले के तर्ज पर गाया जा सकता है!
बहुत सुंदर कविता
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धन्यवाद वंदना जी
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अति सुन्दर गेय गीत
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हार्दिक आभार
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खूब सुन्दर
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धन्यवाद
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