कहीं भी, कभी भी, कितनी भी दूर रहती हूँ |
तुम हो यहीं कहीं ऐसा महसूस करती हूँ |
याद करती हूँ तुमको मगर चुपके-चुपके,
तुम्हें आये न हिचकियाँ इसलिए डरती हूँ ||
कहीं भी, कभी भी, कितनी भी दूर रहती हूँ |
तुम हो यहीं कहीं ऐसा महसूस करती हूँ |
याद करती हूँ तुमको मगर चुपके-चुपके,
तुम्हें आये न हिचकियाँ इसलिए डरती हूँ ||
अतिसुंदर…🙏
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