अठखेलियाँ करे चूड़ियाँ,
खनन खनके कर कंगन |
द्वार ताकती बार बार,
बाजे पायलिया छनन छन |
फड़क रही है बाँई अँखियाँ,
धक धक करतीं धड़कन |
आहट सुन प्रिय के आने की ,
हुआ प्रफुल्लित तन मन ||
अठखेलियाँ करे चूड़ियाँ,
खनन खनके कर कंगन |
द्वार ताकती बार बार,
बाजे पायलिया छनन छन |
फड़क रही है बाँई अँखियाँ,
धक धक करतीं धड़कन |
आहट सुन प्रिय के आने की ,
हुआ प्रफुल्लित तन मन ||