तुझे कांटे चुभे और , मेरे पाँव रक्त रंजित |
सपने जो टूटे तेरे , तो हृदय हमारा खंडित |
क्या यही है प्रेम सच्चा , पूछो न अपने दिल से |
मिले हाल जो न तेरा , मेरा दिल रहे सशंकित ||
तुझे कांटे चुभे और , मेरे पाँव रक्त रंजित |
सपने जो टूटे तेरे , तो हृदय हमारा खंडित |
क्या यही है प्रेम सच्चा , पूछो न अपने दिल से |
मिले हाल जो न तेरा , मेरा दिल रहे सशंकित ||