स्वप्न जो रह गये अधूरे
कर देना वो सारे पूरे
प्रीत की रीत निभाना
प्रिय तुम मेरे घर आना
गिनूंगी जब मैं अन्तिम घड़ियाँ
तोड़ सभी रीति की कड़ियाँ
अपना हाथ बढ़ाना
प्रिय तुम मेरे घर आना
तोड़ेंगी साँसे जब बंधन
कर मोह माया का खण्डन
तब तुम मुझे अपनाना
प्रिय तुम मेरे घर आना
घर द्वार छूटे जब मेरा
रह न जाये कहीं अंधेरा
इसलिये दीया जलाना
प्रिय तुम मेरे घर आना
घर में जब मैं सज जाऊँगी
कोना – कोना महकाऊँगी
तब तुम लाल गुलाब चढ़ाना
प्रिय तुम मेरे घर आना
कामनाएँ जब कहें चहक कर
मिलन हमारा हो फलक पर
सेज सुहाग सजाना
प्रिय तुम मेरे घर आना
बहुत ही सुन्दर रचना !!
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बहुत बहुत धन्यवाद आपको
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🙂
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अनुपम कृति
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धन्यवाद ममता जी
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बहुत सुन्दर रचना
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बहुत बहुत धन्यवाद वंदना जी
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बहुत सुंदर 👌💐
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Beautiful 💐
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अतिसुन्दर अभिव्यक्ति वाह
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धन्यवाद
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बेहतरीन।
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बहुत शुक्रिया
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