देखा जो तुमको पहली बार,
हुआ मेरे उर में झनकार |
कि जैसे छेड़ा हो कोई ,
मेरे मन वीणा के तार |
रात की नींद उड़ी थी तब ,
लुटा था चैन भी दिन का |
हुआ महसूस तब मुझको,
मुझे भी हो गया है प्यार ||
देखा जो तुमको पहली बार,
हुआ मेरे उर में झनकार |
कि जैसे छेड़ा हो कोई ,
मेरे मन वीणा के तार |
रात की नींद उड़ी थी तब ,
लुटा था चैन भी दिन का |
हुआ महसूस तब मुझको,
मुझे भी हो गया है प्यार ||