समझौता सीखो प्रथम,फिर करना अनुबंध |
सिर्फ प्रेम से ही सही , टिकते हैं सम्बन्ध |
टिकते हैं सम्बन्ध , जहाँ हो स्नेह समर्पण |
हो विश्वास अटूट , साफ हो जैसे दर्पण |
कहे किरण सुख शान्ति,खुशी का देकर न्यौता |
दो रिश्तों को मान , करो थोड़ा समझौता
वाहः बहुत सुंदर सोच
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धन्यवाद ममता जी
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