सपनो में सही आइये,
नहीं इतना भी तड़पाइये |
है मुहब्बत मुझे आपसे ,
बात सच है मेरी मानिये |
जीया जाये नहीं आपके बिन,
विधि मरने की समझाइये |
आपसे मेरा रिश्ता है गहरा ,
कभी मुझको भी जतलाइये |
रूठने का है हक आपको पर ,
खता तो मेरी बतलाइये |
जिस्म मिल जायेगा मिट्टी में,
रूह को नहीं भरमाइये |
झूठ – सच में न उलझाइये,
मन भरम में ही बहलाइये |
Lovely♥
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Thanks
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शानदार अभिव्यक्ति
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धन्यवाद ममता जी
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वाह , बहुत खूब किरण जी वैसे रूठने -मनाने का अपना ही आनंद है
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बहुत सुंदर नज़्म
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धन्यवाद
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Nice
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Thanks
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बहुत सुंदर
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आभार
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