कितना करूँ जतन माने नहीं पर मन,
घड़ी – घड़ी तुम मुझे याद बड़ी आते हो |
धरते न धीर काहे देते मोहे पीर तुम,
जिया में बसे हो मेरे जीया धड़काते हो |
नाता मोसे तोड़ तुम गये मोहे छोड़ फिर,
काहे बेर – बेर मेरे सपनों में आते हो |
ठान कर मोसे बैर छीन लिये खुशी खैर,
करते हो प्रेम पर बहुत सताते हो |
बहुत सुंदर
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