सर पटकने से पत्थर पिघलता नहीं।
लिखा किस्मत का टाले से टलता नहीं।।
लग गया हो अगर इश्क का रोग तो,
लाख कर लो जतन दिल बहलता नहीं।
दिल के तार दिल से जुड़े हैं जरूर,
वर्ना दिल यूँ किसी का धड़कता नहीं।
दिल जला है किसी का करो अब पता,
धुआं यूँ ही फिजाओं में उठता नहीं।
बड़ा मुश्किल है रंगना सभी को यहाँ,
काले रंग पर कोई रंग चढ़ता नहीं।
डालती है किरण शब्दों में आत्मा ,
गीत यूँ ही दिलों तक पहुँचता नहीं।
बहुत बढ़िया है
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Wowwwww bahut accha likha hai mam👍👍 full marks
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डालती है किरण शब्दों में आत्मा ,
गीत यूँ ही दिलों तक पहुँचता नहीं।
बहुत बहुत खूब !!!!
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बहुत ही सटीक बात
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बहुत ख़ूब ।
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