स्वागत में लेकर खड़ी, मैया आरत थाल।
लिये तिरंगा हाथ में, लौट रहा है लाल।
लौटा रहा है लाल , ध्वस्त कर अरि की सेना।
समझ गया नापाक, पड़ा लेने का देना।
दोनो घुटना टेक, हुआ दुश्मन शरणागत।
अभिनन्दन हे लाल, भारती करती स्वागत।।
स्वागत में लेकर खड़ी, मैया आरत थाल।
लिये तिरंगा हाथ में, लौट रहा है लाल।
लौटा रहा है लाल , ध्वस्त कर अरि की सेना।
समझ गया नापाक, पड़ा लेने का देना।
दोनो घुटना टेक, हुआ दुश्मन शरणागत।
अभिनन्दन हे लाल, भारती करती स्वागत।।