
अंश क्लास टेस्ट के पेपर पर अपने पापा की साइन करवा कर अपनी क्लास टीचर ज्योति को जैसे ही दिखाया तो ज्योति बार – बार उलट – पुलट कर उस साइन को देखने लगी क्योंकि साइन और नाम दोनो ही कुछ जाना – पहचाना सा लगा उसे !
ओह तो जय का बेटा है अंश ज्योति मन ही मन में बोली! अब मैं समझी कि आखिर मुझे अंश से इतना लगाव क्यों हो गया! सच ही तो है प्रिय का प्रिय दुगना प्रिय हो जाता है!
अंश स्कूल में नया ऐडमिशन लिया था ! वह क्लास में बहुत उदास रहता था तो ज्योति को लगा कि नये जगह पर आया है इसलिये शायद..! लेकिन अंश होमवर्क टाइम पर नहीं करता था इसके अलावा उसका स्कूल ड्रेस भी गंदा रहता था इस लिए कई बार उसे पनिशमेंट देने के लिए खड़ा करवाया था ज्योति ने लेकिन हमेशा ही अंश के मासूम चेहरे को देखकर ज्योति का हृदय पिघल जाता था और वह छोड़ देती थी! कभी-कभी तो अंश स्कूल में लंच भी नहीं लाता था तो ज्योति उसे अपना लंच खिला दिया करती थी बल्कि वह तो अगले दिन से अंश के लिए भी लंच पैक कर लिया करती थी क्योंकि एक दिन जब ज्योति अंश को सजा देने के क्रम में बोली कि तुम्हारी मम्मी क्या करती रहती है कि तुम्हारा न तो ड्रेस का ध्यान रखती है और न टिफिन ही बनाकर देती है तो अंश फूट – फूट कर रोने लगा था !
काफी बहला फुसलाकर जब ज्योति ने उससे अलग ले जाकर पूछा तो उसने बताया कि मम्मी हम लोगों के साथ नहीं रहतीं हैं! अंश के चेहरे पर उदासियों को देखकर ज्योति काफी कुछ समझ गई थी इसीलिये वह अंश पर विशेष ध्यान देने लगी थी!
उस दिन ज्योति ने अंश से उसके पापा और मम्मी का नम्बर माँग लिया! पहले तो सोची काॅल ही कर ले लेकिन……..!
ज्योति की सांसे तेज चल रहीं थीं और दिल की धड़कने भी बढ़ गई थी इसलिये स्कूल से आने के बाद वो सीधे बिस्तर पर लेट गई! उस दिन उसका मन बहुत बैचैन था!
ज्योति ने जय का नम्बर डायल कर व्हाटस्ऐप पर सर्च किया तो तस्वीर में बिल्कुल वही चेहरा! ज्योति से रहा नहीं गया और मैसेज की
पहचाना मुझे..?
जय – चार पाँच लाल गुलाब के फूल के साथ लिखा ज्योति !
उफ लाल गुलाब ज्योति रोम रोम प्रफुल्लित हो गया कुछ देर के लिए और फिर खुद को सम्हाल कर मैसेज किया
कैसे हो ?
जय – गुड एन्ड यू..?
ज्योति – अच्छी हूँ!
जय – टेल मी मोर अबाउट यू!
ज्योति – अपने तथा अपने परिवार के बारे में संक्षेप में बता दिया पर अभी तक यह नहीं बताया कि वह उसके बेटे की क्लास टीचर है!
ज्योति – और तुम अपने बारे में बताओ?
जय – मैं स्टेट बैंक में मैनेजर हूँ, मेरा एक बेटा है……….
ज्योति – बेटे को आशिर्वाद और बीवी….?
जय – आई एम वेरी अनलकी मैन
ज्योति – क्यों..
जय – बाद में बताऊँगा कभी!
तुम तो खुश हो न अपने रिश्ते से..?
ज्योति – तुम्हें तो पता है न कि मैं काॅलेज के दिनों में मंच पर कितना बढ़िया अभिनय कर लिया करती थी…..!
जय – अभी भी तुम्हारी घुमा फिराकर बात करने की आदत नहीं गई!
और ज्योति स्माइली का आइकॉन भेज दी!
जय – आई मिस यू,
ज्योति – आई आल्सो मिसिंग यू
जय – आई लव यू अचानक लिखकर भेजने के बाद उसे ध्यान आया कि नहीं भेजना चाहिए था लेकिन मैसेज तो डिलीट नही किया जा सकता है न!
ज्योति का तो मन मचल उठा लेकिन अपने को सम्हालने हुए एक बार फिर स्माइली आइकॉन भेज दी!
जय – साॅरी
ज्योति – इट्स ओ के आई वान्ट टू मीट यू
जय – मुझे भी तुमसै मिलना है कब कहाँ और कैसे बताओ!
ज्योति – तो ठीक है आज चलो साथ काॅफी पीते हैं !
जय – ओह गाॅड इज ग्रेट!
ज्योति – आखिर मान गये न गाॅड को ग्रेट?
जय – लेकिन गाॅड है बड़ा निष्ठुर मेरी सबसे प्यारी चीज को मुझसे छीन लिया फिर से उसका मैसेज चला ही गया!
ज्योति – इसमें दोष गाॅड का नहीं हमारी है हमने खुद ही अपनी खुशियों से ज्यादा अपने पेरेंट्स की खुशियों को तवज्जो दी, या फिर हम कायर निकले हम परिस्थितियों से समझौता कर बैठे…. छोड़ो भी अब यह सब बातें करने से क्या फायदा !
अर्से बाद ज्योति को देखकर जय को तो एक बार लगा कि तपन में सावन की फुहार आ गई हो.. हाँ ज्योति साड़ी भी हरे रंग की पहनी थी ऊपर से लाल बिंदी और सिंदूर पहले से भी ज्यादा निखर गयी थी लेकिन यही बिंदी और सिंदूर कुछ परायापन का एहसास करा रहे थे इसलिये ज्योति को गले से लगाने के लिए बढ़े हुए हाथ स्वयं ही नीचे आकर हाथ मिलाने की औपचारिकता निभा गये!
टेबल पर बैठने के बाद कुछ स्नैक्स और काॅफी का आर्डर करके दोनो के मध्य कुछ देर चुप्पी छाये रहा शायद दोनों एक दूसरे के चेहरे की भाव भंगिमाओं को पढ़ने की कोशिश कर रहे थे फिर जय ने ही चुप्पी तोड़ी.. तुम क्या कर रही हो आजकल..?
मैं माउंट ए सी सी स्कूल में शिक्षिका हूँ!
जय – अच्छा तो उसी स्कूल में तो अंश का एडमिशन करवाया है मैंने!
ज्योति – हाँ मुझे मालूम है इसीलिये तो तुमसे मिलने आई हूँ यहाँ स्कूल में अच्छी तरह से बातें नहीं हो पाती!
जय हाँ अंश अपनी टीचर की काफी तारीफ किया करता है लेकिन तुम उसकी क्लास टीचर हो यह……. सच में पृथ्वी गोल है!
ज्योति – अंश काफी परेशान रहता है जय बच्चे को उसकी माँ की ज्यादा जरूरत होती है!
जय – वो तो मानता हूँ मैं ज्योति पर क्या करूँ मैं हार गया हूँ!
ज्योति – जय और हार तुम तो अजेय हो!
जय – क्या करूँ ज्योति तुम्हीं बताओ बिना प्यार के रिश्ते नहीं चलते!
ज्योति – गलत बिना समझौतों के रिश्ते नहीं चलते!
जय – सभी ज्योति नहीं हो सकते!
ज्योति – कोशिश करने से सब सम्भव है! आखिर विवाह तो तुमने भी पूरे होशो हवास में ही किया होगा न, वचन भी तो होश में ही दिये होंगे न तो फिर……………
जय – मैं नहीं मानता इन दकियानूसी रीति रिवाजों को!
ज्योति – समस्या का जड़ यही है जय!
जय – तुम भी तो मुझे प्यार करती थी तो फिर………
ज्योति – करती हूँ और करती रहूँगी भी ये फीलिंग्स खत्म नहीं होती है कभी!
जय – तो फिर कैसे अपने रिश्ते तुम इमानदारी से निभा लेती हो..?
ज्योति – मैंने प्यार तुमसे पहले किया, किया क्या हो गया और इसलिए अपना हृदय तो मैं तुम्हें पहले ही दे चुकी थी और तुमने लौटाया भी तो नहीं ! विवाह बाद में हुआ जिसे हम पति पत्नी ने पूरे होशो हवास में किया., वचन दिये और लिये, उन्हें निभा रही हूँ ! अगर देखा जाये तो विवाह अपनी खानदानी पीढ़ी चलाने के लिए ही किया जाता है वहाँ मन से ज्यादा तन के समर्पण की आवश्यकता होती है!
जय – सच ज्योति तुम सा कोई नहीं है…. तुम सबसे अलग हो, मुझे अपने प्यार पर नाज़ है!
ज्योति – बस – बस अब इतना भी मत चढ़ा दो मुझे!
जय – सच ज्योति!
ज्योति – मुझे भी अपने प्यार पर नाज़ है.. जय हार नहीं सकता!
जय ज्योति का हाथ चूम कर सच ज्योति हमारा प्यार सच्चा है स्वार्थ रहित!
ज्योति – सन्डे को स्कूल में पी टी आई है अंश के साथ उसके मम्मी पापा दोनों होने चाहिए!
जय – कोशिश करूँगा!
ज्योति – कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती!
सन्डे को स्कूल के पी टी आई में अंश अपने मम्मी पापा दोनो के ही साथ आया! एक दो दिन में ही अंश के चेहरे का रौनक वापस आ गयी थी , बहुत स्मार्ट लग रहा था अंश बिल्कुल अपने पापा जय की ही तरह!
अंश की मम्मी ज्योति से बोलीं हर टीचर आपकी ही तरह होनी चाहिए अंश आपकी बहुत तारीफ़ करता है आपने जो मेरे बेटे के लिए किया वो……. कहते कहते अंश की मम्मी की आँखें छलछला गईं!
ज्योति – अरे नहीं नहीं…. आपका बेटा बहुत प्यारा है बस अब आप इसके साथ ही रहियेगा!
और अंश की मम्मी की आँखे हामी भर दी! घर आने के बाद ज्योति को काफी सुकून महसूस कर रही थी! मोवाइल पर जय को थैंक्स कहने के लिए खोली तो देखा जय का मैसेज था – आई लव यू
फिर ज्योति ने भी रिप्लाई में कर ही दिया –
आई लव यू टू
बहुत सुंदर
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बहुत अच्छी लगी कहानी 👌👌👌👍👏
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