शब्दों का विच्छेद बताकर, संधि कराते हैं शिक्षक।
जोड़ जिंदगी के अंकों का, भाग बताते हैं शिक्षक।
बच्चे समझे उनको हीरो, सर्व श्रेष्ठ सबसे ज्ञानी
क्योंकि उनके हर प्रश्नों का, हल समझाते हैं शिक्षक।
कभी बर्फ सम ठोस बनाकर , पिघला देते पानी सम।
ठोस द्रव में परिवर्तित, होना सिखलाते हैं शिक्षक।
जीवन पथ पर फूल बिछे हों, या फिर चाहे शूल बिछे।
बेदर्दी से चला – चलाकर, लक्ष्य दिखाते हैं शिक्षक ।
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जभी हुए उदंड छात्र तो , देकर उनको दण्ड कड़ा ।
रगड़ – रगड़ उनकी प्रतिभा को चमका देते हैं शिक्षक।
अति सुन्दर एवं सराहनीय रचना!
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आभार
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