सभी नदियों के नीर से भरी गागर सी है हिन्दी।
समाहित कर कई भाषा लगे सागर सी है हिंदी।
लचीली है सुरीली है सुन्दरी है बहुत प्यारी,
ठुमकती छन्द गीतों में नटी नागर सी है हिन्दी।।
पढ़े हिन्दी लिखें हिन्दी करें हम हिन्दी में ही बात ।
हरेक भाषा का हो सम्मान पर हो हिन्दी ही विख्यात।
समूचे विश्व में फहरे पताका हिन्द हिन्दी का ,
उगे हिन्दी का ही सूरज , खिले हिन्दी चन्द्र ही रात।।
Very nice poyetri
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