आओ दीया जलायें
विश्वास की बाती में
घृत प्रेम का मिलायें
खुशियों की ज्योति में हम
दुख का तिमिर मिटायें
आओ दीया जलायें
रह जाये न अंधेरा
लगे रात भी सवेरा
खिल जायें चन्द्र किरणें
और विश्व जगमगाये
आओ दीया जलायें
तारों की सेना लेकर
चाँद आया हो जमीं पर
हम प्यारी सी निशा को
कुछ इस तरह सजायें
आओ दीया जलायें
करें साफ विश्व डेहरी
जलायें दीप प्रहरी
जीवन की कल्पना की
हम अल्पना बनायें
आओ दीया जलायें
आलस्य त्याग करके
मन में स्फुर्ति भर के
मेहनत के मंत्र से हम
दारिद्रय, दुख भगायें
आओ दीया जलायें
रिद्धि-सिद्धि सी सुता है
बहु अन्नपूर्णा है
उन्हें पूजकर हृदय से
समृद्धि, सुख बढ़ायें
आओ दीया जलायें
“खुशियों की ज्योति में हम
दुख का तिमिर मिटायें”….. बहुत खूब रचना 👌
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए।
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आओ दिया जलाये। अत्यंत सुंदर।
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आभार
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