गोलू मोलू बबलू डबलू खेल रहे थे बाॅल
आयीं आंटी बीच में तो उड़ गई उनकी शाॅल
गोलू मोलू हक्का – बक्का बबलू थे आवाक
होकर आंटी आग बबूला लगीं दिखाने आँख
डबलू कान पकड़ कर बोले कर दो आंटी माफ
हम न करेंगे फिर से गल्ती कर लो दिल को साफ।
पिघल गया दिल आंटी का पर बोलीं यूँ मत खेल ।
पढ़ो लिखो मन से वर्ना सब हो जाओगे फेल ।
तभी अचानक गोलू मोलू लेकर आये शाॅल।
बोले अब से कभी न छत पर हम खेलेंगे बाॅल।