
नीले – नीले आसमान में, देखो सूरज दमक रहा है।
हीरे और सोने के जैसा , चम चम चम चम चमक रहा है।
बोले बिट्टू राजा हठ कर, मम्मी मुझको नहला दो।
कोई क्रीम लगाकर मुझको , सूरज जैसा चमका दो।
मम्मी बोली ओ के बेटा, बात सुनो पहले मेरी ।
पढ़ो लिखो जी जान लगाकर, तो होगी इच्छा पूरी।
बिट्टू बोले झूठ बोलकर, मुझे न माँ यूँ बहलाओ।
पढ़ – लिख कर कैसे चमकूंगा, सही – सही तुम समझाओ।
मम्मी लाई दूध ग्लास में, बोलीं बेटा लो पी लो।
सभी बात को बे मतलब का, तुम इतना भी मत छीलो।
बिट्टू राजा समझ-बूझ कर, खुद करने लगे पढ़ाई।
सारे जग में फिर उनकी भी, लोगों ने किया बड़ाई।
मम्मी उनको गले लगाकर, बोली तू ही सूरज है।
मेहनत का फल होता मीठा, यह नहीं झूठ अचरज है।