साफ रख तन – मन, जन – जन कर प्रण,
कीट कोरोना को हमें जड़ से मिटाना है।
चल हट झट पट, मत तू किसी से सट,
दूर – दूर रह प्रीत – रीत को निभाना है ।
मान मेरी बात मत, कर खुराफात अब ,
इस घड़ी में कहीं भी , आना है न जाना है।
घर में ही रह कर, लड़ना है डट कर ,
इसी रणनीति से ये, जंग जीत जाना है ।।
किसने लगा दी आग ये अम्नो-अमान में,,
हम क़ैद होके रह गये अपने मकान में…!!
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नील गगन में उड़ रहे, खग – कुल आज स्वछंद।
भुगत रहे फल कर्म का , हम पिंजरे में बन्द।।
©किरण सिंह
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