बदरा गरज कर बोले
बिजुरी कड़क कर बोले
आफत में पड़ गई मेरी जान
हाय रे मैं हो गई परेशान
छम छम छम छम छम छम छम
बनवा में मोर नाचे
आयेगी बरखा रानी
पपीहा का शोर बाचे
पुरवाई बहकी जाये
तरुड़ाई चहकी जाये
मौसम लगे है बेइमान
हाय रे मैं हो गई परेशान
मारे खुशी के देखो
मस्ती में तरूवर झूमे
लतिकाएँ झुकी झुकी
धरती मइया को चूमे
आ गया देखो सावन
लागे बड़ा मन भावन
खेतों में लहराये धान
हाय रे मैं हो गई परेशान
भीगी है धरती मैया
भीगा है उसका कण – कण
फिर भी जाने क्यों मेरा
प्यासा है दिल और तन मन
कहती तुम्हारी गुइयाँ
आ जाओ मेरे सइयाँ
दिल का मेरा है अरमान
हाय रे मैं हो गई परेशान
