मौत आना फिर कभी

जीने दो भरपूर मुझको
खुद बुलाऊँगी मैं तुझको
देख न बिखरा पड़ा हर
काम बाकी है अभी
मौत आना फिर कभी

क्यों डराती है तू इतना
प्राण लेगी और कितना
भोली – भाली जिंदगी का
हक न छीन तू सभी
मौत आना फिर कभी

फिर हमें सताना नहीं
बिन बुलाये आना नहीं
स्वाभिमानिनी तुझे भी
मान लूंगी मैं तभी
मौत आना फिर कभी

कर कपाट बन्द मैं
लिख रही हूँ छन्द मैं
मैं चलूंगी साथ तेरे
गीत पूरे हों जभी
मौत आना फिर कभी

6 विचार “मौत आना फिर कभी&rdquo पर;

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