खट्टा – मीठा ताजा आम।
सबका जी ललचाता आम ।
हिम सागर बादामी बीजू
केसर, चौसा लंगड़ा आम।
नाम गिनाऊँ कौन – कौन सा ,
करूँ बड़ाई कितना आम।
बनी चटपटी चटनी उसकी ।
जब रहता है कच्चा आम।
बन अचार तैयार हुआ तो ,
मुंह में पानी लाता आम।
फेंट दूध में सेक बना जब ,
सबके मन को भाता आम।
भरा हुआ है खास गुणों से,
फिर भी खुद को कहता आम।
इसीलिए शायद बन बैठा ,
सभी फलों का राजा आम ।

सुंदर 👌🏼 रस भरी कविता । हमारे देश में आम की कई किस्म हैं ।
सोन परी भी एक आम की किस्म हैं मुझें ये पिछले साल पता लगा ।😊
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बहुत बहुत धन्यावाद आपको 😊
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बहुत सुंदर बाल कविता। साधुवाद ।
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धन्यवाद
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स्वागत है ।
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