भोले बाबा हमें दो वरदान
तुम्हारे दर आये हैं
भोली भक्तिन का रख लो मान
तुम्हारे दर आये हैं
पीस – पीस कर भाँग ले आई
अक्षत चंदन पुष्प चढ़ाई
बंद करके नयन किया ध्यान
तुम्हारे दर………………………
अन्न दो धन दो सुन्दर घर दो
शक्ति साधना मन में भर दो
हमें हो न कभी अभिमान
तुम्हारे दर…………………..
मानुष मन मूरख लोभी है
इच्छाएँ अनंत होती हैं
अब तुम ही करो समाधान
तुम्हारे दर…………………..
इच्छा पूरी करने वाले
हर कष्टों को हरने वाले
दिल करता तुम्हारा गुणगान
तुम्हारे दर…………………
कृपा दृष्टि प्रभु डालो हमपर
मनोकामनाएँ पूरी कर
सब जन का करो कल्याण
तुम्हारे……………………..
भक्ति रस में डूबी सुन्दर रचना
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